मां
मां मां तुम हो अटल प्रेम की पूर्ण मूर्ति हृदय की सांस,जीवन की प्रतिपर्ति चांद सी उजली, गंगा सी निर्मल जीवन की धूप-छांव,सौभ्य-सरल। तुम्हारे जाने से,अब सब कुछ लुट गया घर की चहल-पहल,मकान भी टूट गया जीवन अब नीरस व खाली सा लगता है तुम्हारी बातें सुनने को दिल तरसता हैं। सूने पडे, अब वो पेड, खेत- खलिहा…